आज हम आपको समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 377 के बारे में बताएंगे, क्या है बड़ी बातें-
धारा-377 इस देश में अंग्रेजों ने 1862 में लागू किया था. इस कानून के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध को गैरकानूनी ठहराया गया है.
अगर कोई स्त्री-पुरुष आपसी सहमति से भी अप्राकृतिक यौन संबंध बनाते हैं तो इस धारा के तहत 10 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है.
किसी जानवर के साथ यौन संबंध बनाने पर इस कानून के तहत उम्र कैद या 10 साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है.
सहमति से अगर दो पुरुषों या महिलाओं के बीच सेक्स भी इस कानून के दायरे में आता है.
इस धारा के अंतर्गत अपराध को संज्ञेय बनाया गया है. इसमें गिरफ्तारी के लिए किसी प्रकार के वारंट की जरूरत नहीं होती है.
शक के आधार पर या गुप्त सूचना का हवाला देकर पुलिस इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है.
धारा-377 एक गैरजमानती अपराध है.
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