क्या आप जानते है ? की भगवान विष्णु की तरह ही हिंदू पुराणों में और भी ऐसे व्यक्तित्व थे जिनोंहे बार बार अवतार लिया है। इन सारे पात्रों में सबसे दिलचस्प पात्र था कालनेमि। इस वीडियो में देखिए की कालनेमि भगवन विष्णु से कैसे जुड़ा है
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१ कालनेमि एक महत्वपूर्ण चरित्र था जिसका संस्कृत इतिहास में बहुत बार वर्णन किया गया है
२ पौराणिक कथा के अनुसार, कालनेमि ऋषि मरीचि के पुत्र थे और उनके कर्मों के कारन उन्हें कई बार पुनर्जन्म प्राप्त हुआ था
३ उसने हिंदू पौराणिक कथाओं में कई बार अवतार लिया और हर बार भगवान विष्णु या द्वारा उसकी मृत्यु हुई
४ अपने पहले जन्म में, कालनेमि ने समुद्र मंथन के बाद इंद्र के साम्राज्य पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए एक क्रूर राक्षस का अवतार धारण किया था
५ उसकी प्रचंड शक्ति के कारन उसे सिर्फ उससे भी अधिक बलवान व्यक्ति मार सकता था। इसलिए इंद्रदेव सहायता मांगने हेतु भगवान विष्णु के पास चले गए थे
६ जब भगवान विष्णु ने उसपर आक्रमण किया तब वह अपना साहस भूल गया और अचेत हो गया। शुद्धि पर आने के बाद कालनेमि ने अपनी हर स्वीकार कर ली और प्रभु से पूर्ण आशीर्वाद की मांग की।
७ कुछ रूपांतरों में कहा है की उसने बाद में असुर राजा हिरण्याक्ष के यहाँ जन्म लिया। अपने भाई अंधक के साथ फिर से वह भगवान विष्णु के विरुद्ध युद्ध में समाविष्ट हो गया
८ जब भगवान विष्णु गरुड़ के ऊपर बैठकर उसकी ओर आगे बढे, तब उसने भगवान की ओर अपने त्रिशूल से हमला कर दिया। गरुड़ के बचाने के लिए भगवान विष्णु ने उसे मार डाला और उसके भाई की मृत्यु इंद्र देव के हाथो हुई
९ रामायण महाकाव्य के अनुसार, कालनेमि ने त्रेता युग में रावण के मामा के रूप में फिर से जन्म लिया, उसे रावण के मंत्रियों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया था।
१० जब भगवान हनुमान लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाने गए थे तब कालनेमि वहा एक ऋषि का रूप धारण कर प्रकट हुआ और उसने भगवान हनुमान को विषैली बूटी खाने के की चाल चली परंतु भगवान हनुमान ने उसका वध कर डाला
११ अपने अगले जन्म में उसने कंस के रूप में जन्म लिया जो वृष्णि साम्रज्य का क्रूर राजा था और भगवान विष्णु का मामा था
१२ इस तरह हर जन्म में किसी न किसी प्रकार से कालनेमि की मृत्यु भगवन व?