भगवद गीता - अध्याय २ - पद २३ और २४ | अर्था । आध्यात्मिक विचार | भगवद गीता का ज्ञान

Artha 2019-02-05

Views 6

भगवद गीता के इस वीडियो में देखिए की भगवान कृष्ण अर्जुन को आत्मा के अविनाशी व्यक्तित्व के बारे क्या बताते है

Don't forget to Share, Like & Comment on this video

Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY

१ अगले पदों में भगवान कृष्ण अर्जुन को आत्मा के अविनाशी व्यक्तित्व के बारे में बताते है, जो किसी भी संसारिक तत्व से कभी भी प्रभावित नहीं होती



२ तेइसवां और चौबीसवां श्लोक इस प्रकार है;

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः

न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।२३।।



अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च

नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ।।२४ ।।

३ इन श्लोकों का अर्थ है;

यह आत्मा न तो शस्त्र द्वारा काटी जा सकती है, न ही आग के द्वारा जलाई जा सकती है, न जल द्वारा भिगोई जा सकती है और न वायु द्वारा सुखाई जा सकती है

वास्तव में आत्मा को न तो तोडा़ जा सकता है, न ही जलाया जा सकता है, न इसे घुलाया जा सकता है और न ही सुखाया जा सकता है, यह आत्मा शाश्वत, सर्वव्यापी, अविकारी, स्थिर और सदैव एक सी ही रहने वाली है

4 भगवद गीता के ऐसे ज्ञानवर्धन वीडियो देखने के लिए अर्था चॅनेल से जुड़े रहें

Like us @ Facebook - https://www.facebook.com/ArthaChannel/
Check us out on Google Plus - https://goo.gl/6qG2sv
Follow us on Twitter - https://twitter.com/ArthaChannel
Follow us on Instagram -https://www.instagram.com/arthachannel/
Follow us on Pinterest - https://in.pinterest.com/channelartha/
Follow us on Tumblr - https://www.tumblr.com/blog/arthachannel

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS