राहुकाल का अस्तित्व एवं महत्व | अर्था | आध्यात्मिक विचार

Artha 2019-02-05

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क्या है राहुकाल ? इंसान पर इसका क्या असर गिरता है? जानिए इस विडियो में | AMAZING FACTS

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१ राहुकाल, दिन के आठों प्रहर में से एक प्रहर है जिसे अनुपयुक्त माना जाता है

२ राहुकाल का समय प्रत्येक दिन बदलता रहता है और इसकी सौर मंडल के घटना के अनुसार गणना की जाती है

३ भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार - सूरज, चाँद, मंगल, बुद्ध, वृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु एवं केतु- ग्रह है

४ इन ग्रहों के आधार पर राहुकाल एवं गुलिककाल की भी गणना की जा सकती है

५ हिन्दू पांचांग में ग्रहों की स्थिति बदलते रहने का तातपर्य है, की शुभ घड़ी हमेशा सामान नहीं रहेगी

६ प्राचीन हिन्दू ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस समय राहु आपको लालच और नकारात्मक प्रतिक्रिया से लुभाता है

७ ज्योतिषियों का मानना है की राहु में सूर्य को मलिन करने की ताक़तहोती है जिस कारन सूर्यग्रहण होता है

८ थाई संस्कृति में भी राहु जैसे अशुभता के देवता पाए जाते है

९ राहु काल ९० मिनट के लिए होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसकी अवधि लंबी भी हो सकती है

१० राहु काल के दौरान, किस भी कार्य की शुरुआत करने को अशुभ माना जाता है



क्या है राहुकाल और इसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है

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