Dialogues - Mahakali Anth Hi Aarambh Hai
महाकाली - अंत ही आरंभ हे
अ से अंत अ से आरंभ
मोक्ष तू प्रकाश तू मार्ग तू
संसारक्षक तू अंत तू आरंभ तू काली तू महाकाली तू
अत्याचार की ज्वाला में जब जब सृष्टि जली हे
तब तब पार्वती से एक महाकाली जन्मी हे
दिया उसने सृष्टि को अपनी अपार शक्ति
का प्रमाण जिससे वे खुद थी अनजान
आनंद और आंशु की एक ही राशि हे गौरी,
आंनद जब सीमा पार कर जाता हे तो आँखों में आंशु आ ही जाते हे
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