मैं तो गोवर्धन कू जाऊ सखी, नाई माने मेरो मनुआ। तन पर पीताम्बर, सिर पर व्यंजनों की टोकरियां रख, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण में मदमस्त, बैंडबाजों की मधुर सुर लहरियों के बीच नाचते थिरकते, कदम दर कदम आगे बढ़ रहे थे।
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