श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उल्लास का पर्व है। वह उल्लास जब योगीराज, नटखट नंद गोपाल का धरती पर अवतरण हुआ था। बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करने का घर-घर विधान हैं। यूं तो पूरे वर्ष ही लड्डू गोपाल की पूजार्चना और सेवा सुश्रवा की जाती है। लेकिन जब जन्माष्टमी हो तो उसकी बात ही अलग है। जिन घरों में लड्डू गोपाल स्थापित हैं, वहां जन्माष्टमी का उत्साह दुगना हो जाता है।
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