Shiv Shakti Se Hi Purn Hai is the song
शिव शक्ति से ही पूर्ण है
शक्ति के वो सिंधुर है
गौरी के गौरव के लिय
जो हो रहे अब दूर है
शिव शक्ति से ही पूर्ण है
शक्ति के वो सिंधुर है
गौरी के गौरव के लिय
जो हो रहे अब दूर है
कोई तोड़ ना है बिछोह का
नाही मोल मन के मोह का
कोई तोड़ ना है बिछोह का
नाही मोल मन के मोह का
शिव जाने क्या है काली का
अस्तित्व आदीशक्ति का
विचलित करे ना भावना
नाही दे सके कोई सांत्वना
नियती है बंधन से परे
जो रख दीया सो वो करे
शिव शक्ति से ही पूर्ण है
शक्ति के वो सिंधुर है
गौरी के गौरव के लिय
जो हो रहे अब दूर है
आ आ आ आ ....
कैलाश की गृह स्वामिनी
शिव की हू में अर्धांगिनी
निर्मान मेरा सतीत्व का
खंडन ना हो दायित्व का
अब ना कोई अवरोध हो
अब मेरे मन का बोज हो
महाकाल की महाकालिका
परमेश्वरी पथपालिका
अब तक स्वयं से दुर है
यही शक्ति तो सम्पूर्ण हे
यही शक्ति तो सम्पूर्ण हे
यही शक्ति तो सम्पूर्ण हे
यही शक्ति तो सम्पूर्ण हे