किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए दंपति कर रहे भगीरथी प्रयास, देखिए कैसे?

Hindustan Live 2018-02-16

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अपने लिए तो सभी जीते हैं सुकून तो तब है जब दूसरों के लिए कुछ किया जाए। कुछ ऐसी ही कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं मधेपुरा के कुमारखंड में रह रहे दंपति।

दरअसल ये दंपति 3 वर्षों से खूद भी मशरूम उत्पादन कर रहे हैं साथ ही लोगों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। ये सारी कवायद सबूरी सुदामा नामक संस्था के बैनर तले की जा रही है।

संस्था के निदेशक सह मशरूम प्रशिक्षक राजकुमार और उनकी पत्नी संस्था की सचिव अंजू देवी ने बताया कि उनका मानना है कि इसकी खेती कर लोग आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध हो सकते हैं। यही वजह है कि वे लोगों को इसकी खेती के लिए जागरुक भी कर रहे हैं।

दंपति ने बताया कि उनकी संस्था दो फार्म खोलकर वहां पर मशरूम का उत्पादन कर रही हैं। संस्था ने कुमारखंड के अलावा ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज, मुरलीगंज, मधेपुरा, चौसा, उदाकिशुनगंज प्रखंड में कई किसानों को मशरूम की खेती के प्रति जागरुक किया है। प्रेरित होकर वहां के कई किसान अब मशरूम उत्पादन भी कर रहे हैं। मशरूम के प्रशिक्षण के लिए कई जिलों के किसान यहां आकर प्रशिक्षण भी ले चुके हैं।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण और मार्केटिंग के दौरान लोगों को इससे होने वाली आमदनी और इसके सेवन से होने वाले फायदे के बारे में भी जागरूक किया जाता है। धीरे-धीरे लोग मशरूम उत्पादन के प्रति आकर्षित भी हो रहे हैं। संस्था की ओर से लोगों को ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। राजकुमार ने बताया कि उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के कई किसानों निशुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण कर चुके हैं। वहीं महिला किसान को मशरूम के पापड़ और अचार बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। निदेशक ने बताया कि संस्थान से जुड़े किसान मशरूम उत्पादन कर अच्छी खासी आमदनी कर रहे हैं।

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