टुनाइट विद दीपक चौरसिया के स्पेशल एडिशन में आपका स्वागत है। आज हम आपके सामने एक ऐसा गंभीर मुद्दा लेकर आए हैं जिसका संबंध हमारे आपके जिगर के टुकड़ों से है। बच्चों की सेहत और उनकी सलामती का ये मुद्दा आज देश की संसद मे गूंजा। उनकी खातिर सरकार से बातचीत के बाद 9 जानी-मानी कंपनियों ने एक बड़ा फैसला किया। लोकसभा में सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि ये कंपनियां बच्चों के टीवी चैनलों पर कुछ फूड और ड्रिंक्स के विज्ञापन नहीं देंगी। सरकार ने साफ कर दिया कि ये फैसला बच्चों की खातिर सहमति से लिया गया है। कहीं भी उसका इरादा ऐसे विज्ञापनों पर बैन लगाने का नहीं है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या टीवी और बच्चों में जंकफूड की लत के बीच कोई कनेक्शन है? क्या टीवी देखते-देखते जंकफूड खाने की आदत बच्चों की जान पर बन आई है? इन सारी बातों को देश के हर मम्मी-पापा के लिए जानना और समझना बेहद जरूरी है। तो सबसे पहले देखते हैं कि इतना बड़ा फैसला लेने की जरूरत क्यों पड़ी?