जमशेदपुर के स्वर्णरेखा बर्निंग घाट में पिछले कई वर्षों से लोगों की अस्थियां अपनों का इंतजार कर रही हैं। अपने परिवार के सदस्य की मृत्य के बाद दाह संस्कार कर परिजनों ने अस्थियों को गंगा नदी में प्रवाहित करने के लिए बर्निंग घाट में ही एक कमरे में रख दिया। लेकिन, अब वे परिजन इन अस्थियों को ऐसे भूल गए कि फिर लौट कर नहीं आए।