बिहार में NDA की जीत और महागठबंधन की हार की वजह, बिहार की महिलाओं ने लिखी नीतीश की जीत की पटकथा

ETVBHARAT 2025-11-14

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बिहार में 243 सीटों की जंग में सत्ताधारी एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा कर लिया.. जबकि पूरा विपक्षी गठबंधन 35 से भी कम सीटों पर सिमट गया.  बड़े चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार से अपनी सियासी पारी की शुरुआत की... लेकिन पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी जनसुराज क्लीन बोल्ड हो गई. जीत का जश्न मना रहे एनडीए के लिए भी ये चुनाव परिणाम ऐसा है जिसकी उसने भी कल्पना तक नहीं की थी.. आखिर उसे इतनी बड़ी जीत कैसे मिली.. उसे समझना जरूरी है.. एक्सपर्ट एनडीए की इस बड़ी जीत का श्रेय सीएम नीतीश कुमार के उस काम को दे रहे हैं.. जिसने महिलाओं की जिंदगी में बदलाव लाया. इनमें नीतीश कुमार का सबसे बड़ा काम शराबबंदी है.. जिसने परिवारों को उजड़ने से बचाया.  शराब बंदी को खत्म करने के लिए नीतीश पर काफी दबाव पड़ा.. लेकिन वो झुके नहीं.. महिलाओं के लिए नीतीश ने जो दूसरा बड़ा काम किया.. वो है पंचायत चुनाव के लेकर सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण.. इससे महिलाओं को राजनीति से लेकर सरकारी नौकरी तक में बढ़त मिली.. जिससे महिलाएं सशक्त हुईं. बिहार में बच्चियों की शिक्षा में नीतीश के जिस ड्रीम प्रोजेक्ट से क्रांति आई... उसका नाम है मुख्यमंत्री साइकिल और पोशाक योजना.. इस योजना ने बिहार की लड़कियों के प्रति लोगों का नजरिया बदल दिया. 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की.. जिसके तहत कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए महिलाओं को राज्य सरकारी की तरफ से 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.. इस योजना के तहत अगर महिलाएं छह महीने अपने उद्योग को जारी रखती हैं तो उन्हें 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिल सकती है. नीतीश के काम से बिहार की महिलाएं इतनी प्रभावित हुईं... कि  उन्होंने ना सिर्फ चुनाव में जमकर मतदान किया.. बल्कि अपने घर के लोगों को भी नीतीश को वोट देने के लिए प्रेरित किया.. इनमें उन प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा है.. जो काम की तलाश में पलायन कर दूसरे राज्यों में गए. विपक्ष ने पलायन को मुद्दा को बनाया लेकिन वो वोटरों के अपने पक्ष में नहीं कर पाए.    

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