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कभी 'नक्सली जन अदालत' की करते थे अध्यक्षता, अब बने लोकतंत्र के पैरोकार, गया का यह गांव कितना बदला जहां दिन में भी जाने से लगता था डर
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2025-10-23
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इस गांव के लगभग प्रत्येक परिवार ने कभी न कभी नक्सलियों को शरण दी है. बिहार चुनाव पर क्या है उनका कहना, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट.
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