पुण्य और पाप से ही संसार में होती है सुख- दुख की प्राप्ति: जैन मुनि

Patrika 2025-09-25

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बड़े जैन मंदिर में धर्मसभा में मुनि विलोक सागर ने कहा-पुण्य अच्छे कर्मों को कहते हैं जो सुख लाते हैं और आत्मा को पवित्र करते हैं, जबकि पाप बुरे कर्मों को कहते हैं जो दुख का कारण बनते हैं और आत्मा को अपवित्र करते हैं

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