पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा से पहले मुर्शिदाबाद के ढाकी कलाकारों की नई परेशानी, पहचान का सवाल?

ETVBHARAT 2025-09-08

Views 9

ये है पश्चिम बंगाल का पारंपरिक ढाक. इसकी जोरदार, लयबद्ध थाप दुर्गा पूजा के दौरान भक्ति का माहौल बनाती हैं. पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले का बास-चातर गांव ढाक बजाने वाले ढाकी समुदाय के लिए मशहूर है. ये दुर्गा पूजा और काली पूजा जैसे त्योहारों में जान डाल देते हैं. उनकी प्रतिभा पश्चिम बंगाल की सीमाओं से परे है. वे दुनिया भर में खास मौकों पर अपने हुनर की नुमाइश करते हैं. दिग्गज ढाकी लालू दास दुनिया भर में अपना कौशल दिखा चुके हैं. उन्होंने बताया कि विदेश में उनके हुनर की जमकर तारीफ हुई. त्योहारों का मौसम ढाकी कलाकारों के चेहरे मुस्कान से भर देता था, लेकिन अब वहां चिंता की लकीरें देखने को मिलती हैं. ढाकियों ने बताया कि बांग्लादेश के साथ तनाव के बाद उनमें से कई लोगों को नागरिकता को लेकर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. परेशानी से बचने के लिए कई ढाकी अब स्थानीय अधिकारियों के दिए गए पहचान पत्र रखते हैं. ढाक दुर्गा पूजा का अभिन्न अंग हैं. ढाक की थाप उत्सव को उत्साह और उल्लास से भर देते हैं. ढाक की गूंज के बिना त्योहार फीका लगता है. इस साल दुर्गा पूजा का त्योहार 28 सितंबर से शुरू होगा और दो अक्टूबर तक चलेगा.

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS