SEARCH
रेशम की डोर से शुरू हुआ सफर 12 देशों तक पहुंचा, अलवर की राखियां बनी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड
ETVBHARAT
2025-08-08
Views
1
Description
Share / Embed
Download This Video
Report
1987 में शुरू हुआ अलवर का राखी व्यवसाय आज 12 देशों में अपनी पहचान बना चुका है. इससे हजारों परिवारों को रोजगार भी मिला है.
Show more
Share This Video
facebook
google
twitter
linkedin
email
Video Link
Embed Video
<iframe width="600" height="350" src="https://dailytv.net//embed/x9oe3vu" frameborder="0" allowfullscreen></iframe>
Preview Player
Download
Report form
Reason
Your Email address
Submit
RELATED VIDEOS
11:59
दिल्ली से लंदन तक राखी की डोर: घरेलू महिलाओं को सशक्त बनाती मीना दीदी की राखियां
02:08
आंसुओं से भीगी रेशम की डोर, जेल में बहनों ने भाईयों को बांधी राखी
02:25
3 देशों की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंतर्राष्ट्रीय मंत्रालय से इंडिया न्यूज़ की रिपोर्ट
00:13
मेवाड़ में पतंगबाजी की परंपरा: अंतरराष्ट्रीय पतंगबाज कादिर ने एक डोर पर उड़ाई पांच सौ पतंगें देखें video
02:28
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:18
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:36
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:33
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
02:28
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:14
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:22
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई
00:18
महाकुंभ की आभा देखकर भाव विभोर हुए 10 देशों के 21 अंतर्राष्ट्रीय मेहमान, त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई