गुजरात का पहला जैव विविधता विरासत स्थल: गुनेरी इनलैंड मैंग्रोव की अनमोल विरासत

ETVBHARAT 2025-08-08

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गुजरात के कच्छ का गुनेरी इनलैंड मैंग्रोव, दुनिया के चुनिंदा और देश के इकलौते साइट्स में से एक है, जहां समंदर के खारीय दलदल से दूर मैदानी इलाके में ऐसे जंगल पाए जाते हैं. इसी खासियत की वजह से गुनेरी इनलैंड मैंग्रोव को गुजरात का पहला जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है. ये फैसला मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अगुवाई में गुजरात जैव विविधता बोर्ड ने लिया. इसका कच्छ के लखपत इलाके में 32.78 हेक्टेअर में फैले गैर-खारीय मैंग्रोव का ठिकाना है, जो अरब सागर से करीब 45 किलोमीटर दूर है. यह स्थल अपनी अनूठी जैव विविधता और पारिस्थितिक महत्व के कारण राज्य के जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. गुजरात सरकार का यह कदम इस इको सिस्टम की सुरक्षा के लिए लिया गया है. इस इलाके में एविसेनिया मरीना प्रजाति के मैंग्रोव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं, जो खारे पानी के वातावरण में भी जीवित रह सकते हैं. गुनेरी स्थल 20 प्रवासी और 25 स्थानीय पक्षी प्रजातियों का ठिकाना है, जिनमें फ्लेमिंगो, हैरियर और अन्य जलपक्षी शामिल हैं. ये मैंग्रोव वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं.

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