Women's Day 2025 : गोरखपुर की Sangita Pandey की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी | वनइंडिया हिंदी

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Sangita Pandey Interview Gorakhpur: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2025) के मौके पर हम आपको गोरखपुर (Gorakhpur) की एक ऐसी महिला उद्यमी से मिलवाते हैं । जिन्होंने महज 1500 रुपए से काम की शुरुआत कर 4 करोड़ से अधिक का कारोबार खड़ा कर लिया। संगीता पांडेय (Sangita Pandey)गोरखपुर रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुकी हैं। पीएम मोदी (PM Modi)और सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) भी इनकी हौसलाअफजाई कर चुके हैं। साथ ही इन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार ने सीएफसी (CFC)बनाने की जिम्मेदारी भी दी हुई है। आपको बता दें कि कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC)करोड़ों का प्रोजेक्ट है। गोरखपुर (Gorakhpur) की संगीता पांडेय (Sangita Pandey) से वन इंडिया ने खास बातचीत की।इस दौरान उन्होंने पूरे संघर्ष की कहानी बताई । संगीता (Sangita Pandey)का कहना है कि इन्होंने 2014 में एक किराए के कमरे से मिठाई के डिब्बे बनाने का काम शुरू किया था। छोटे बच्चे थे और उनके पास कोई संसाधन भी नहीं थे लेकिन इनके पास एक जुनून था, दृढ़ इच्छा शक्ति थी। फिर क्या था इन्होंने उठाई साइकिल और कुछ सैंपल लेकर दुकानों की तरफ चल पड़़ीं । संगीता पांडेय (Sangita Pandey)ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी हार नहीं मानी। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाई और इन्हें ऑर्डर मिलने लगे । आज इनका कारोबार 4 करोड़ से अधिक का है। सिर्फ गोरखपुर (Gorakhpur)ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ये मिठाई के डिब्बे सप्लाई करती हैं। बिहार(bihar) और नेपाल (nepal)से भी ऑर्डर मिल रहे हैं। खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ ही ये हजारों महिलाओं को भी आत्म निर्भर बना चुकी हैं। संगीता पांडेय का कहना है कि कुछ अच्छा करो , अपना करो,असफलता से मत डरो अपने सामान की खुद ब्रांडिंग करें,इनका सभी महिलाओं से कहना है कि एक छोटी सी शुरुआत करें,सफलता जरूर मिलेगी लेकिन इसके लिए परिश्रम जरूरी है।

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