नाहर के सामने दो रूहियाँ खड़ी हैं—एक असली और एक नकली। नकली रूही दावा करती है कि वही असली है, और असली रूही भी अपनी सच्चाई बताने की कोशिश करती है। लेकिन दादी नाहर को समझाती हैं कि नकली रूही ही असली है और उसका चेहरा एक हादसे में बदल गया है। असली रूही इस धोखे से सदमे और दुख में है। वहीं, दादी को इस बात का डर सता रहा है कि अगर नाहर ने असली रूही को पहचान लिया, तो उनकी सच्चाई सामने आ जाएगी और उनकी चालाकी का पर्दाफाश हो जाएगा।