महाकुम्भ (Mahakumbh)में निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि (Swami KailashNand Giri Maharaj)की पेशवाई निकली। रथ पर सवार होकर स्वामी कैलाशानंद (Swami KailashNand Giri Maharaj) जब मेला छावनी के लिए निकले तो शहरियों ने हाथ जोड़कर स्वागत किया। पेशवाई में करतब दिखाते नागा साधु अलग ही रंग में नजर आए। । दारागंज स्थित अखाड़े में पहुंचने के बाद संतों ने अखाड़े के इष्ट देव भगवान कार्तिकेय की पूजा की और फिर यहीं पर बनाए गए कार्तिकेय घाट पर पूजन किया। निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि (Swami KailashNand Giri Maharaj)की अगुवाई में पेशवाई निकली। । तेरह अखाड़ों में जूना अखाड़े के बाद श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी (Niranjani akhada)संख्या बल में सबसे बड़ा माना जाता है। जूना अखाड़े में लगभग पांच तो निरंजनी में तीन लाख नागा संन्यासी होने का दावा किया जाता है। यह उन चार अखाड़ों में से एक है, जिसका मुख्यालय प्रयागराज(Prayagraj) में है।
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