सवाईमाधोपुर.सरकार व महिला एवं बाल विकास की ओर से भले ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को विकसित कर बच्चो की सेहत सुधारने के दावे किए जा रहे हो, मगर आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालत कुछ ओर ही बयां कर रही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चे तो नामांकित हैं, मगर उनकी उपस्थिति न के बराबर है। शहर और गांव के आंगनबाड़ी केन्द्रों के हालात एक जैसे हैं। ना कोई हकीकत देखने वाला है और ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला है। ऐसे में यह केन्द्र कहीं पर शो-पीस बने हुए हैं तो कहीं पर औपचारिकता पूरी की जा रही है।
जिले में तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या 27 हजार 490 है लेकिन वर्तमान में केन्द्रों पर आधे भी बच्चे नहीं पहुंच रहे है। पत्रिका टीम ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर कुछ केन्द्रों पर व्यवस्थाएं देखी तो हालात चिंताजनक मिले। पेश है एक रिपोट...र्
बदहाल मिले आंगनबाड़ी केन्द्र...
आदर्श नगर आंगनबाड़ी: पांच बच्चे मिले उपस्थित
वार्ड नं.39 आदर्श नगर गीता देवी अग्रवाल राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। इसमें कुल बच्चों का नामांकन 10 है लेकिन मौके पर केवल पांच ही बच्चे उपस्थित मिले। कार्यकर्ता अनिता ने बताया कि सर्दी के कारण बच्चे केन्द्र पर नहीं आ रहे है। केन्द्र पर शौचालय की हालात दयनीय बनी है। शौचालय का गेट टूटा है। इससे आंगनबाड़ी स्टॉफ व बच्चों को भी परेशानी होती है।
आलनपुर आंगनबाड़ी केन्द्र 31 प्रथम: छोटे कमरे में किराए से संचालित
यहां करीब 18 सालों से आंगनबाड़ी केन्द्र किराए से छोटे से कमरे में चल रहा है। इसका प्रतिमाह किराए साढ़े सात सौ रुपए है। यहां तीन से छह वर्ष के बच्चों का नामांकन 13 का है लेकिन मौके पर केवल सात ही बच्चे उपस्थित मिले। कार्यकर्ता मीनाक्षी श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों कम ही बच्चे आ रहे है। कमरे में जगह नहीं होने से बच्चों को बाहर ही बिठा रखा था। शौचालय का गेट भी टूटा था।
चकचैनपुरा आंगनबाड़ी: चार बच्चे मिले उपस्थित
कोटा-लालसोट हाइवे पर चकचैनपुरा में आंगनबाड़ी केन्द्र पर राजस्थान राज्य स्काउट से संचालित है। यहां बच्चों की उपस्थिति चिंताजनक बनी है। यहां कुल बच्चों का नामांकन 15 का है लेकिन मौके पर केवल चार बच्चे ही मिले। कार्यकर्ता स्वंय चार बच्चों को लेकर बैठे मिली। कार्यकर्ता कांतादेवी से पूछने पर बताया कि बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र पर नहीं आ रहे है। चार बच्चों को भ उनके अभिभावक अभी-अभी छोडकऱ गए है।
आलनपुर आंगनबाड़ी केन्द्र 30 द्वितीय: एक भी बच्चा नहीं मिला
यहां कुल बच्चों का नामांकन 10 है लेकिन मौके पर एक भी नहीं मिला। हालांकि सहायिका किशना सेन ने बताया कि कुछ बच्चे आए थे लेकिन वे चले गए। यहां भी छोटे से कमरे में किराए पर भवन संचालित है। बच्चों को बैठने में भी परेशानी होती है। केन्द्र पर कोई सामान आता है तो रखने में भी परेशानी होती है।