सवाईमाधोपुर. राज्य सरकार की ओर से भले ही 14 दिसम्बर से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क दूध वितरण के दिशा-निर्देश तो जारी कर दिए हो मगर अब तक केन्द्रों पर दूृध पाउडर का अता पता नहीं है। आधी-अधूरी तैयारियों के साथ शुरूआत में ही अमृत आहार योजना(आंगनबाड़ी दुग्ध वितरण योजना) खटाई में पड़ सकती है। योजना शुरू होने में अब केवल तीन बचे है जबकि प्रदेश सहित जिले में अब तक स्किम्ड मिल्क पाउडर की सप्लाई तक नहीं पहुंचाई है।
सरकारी स्कूलों की तर्ज पर सरकार ने मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी सप्ताह में तीन दिन नौनिहालों को स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार कर दूध पिलाने की योजना शुरू की जा रही है। यह योजना पूरे प्रदेश में 14 दिसम्बर से शुरू होगी। इसके तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष के नौनिहालों को सप्ताह में तीन दिन तक दूध पिलाया जाएगा।
विभाग के लिए भी बना है चुनौती
राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के परिवर्तित बजट प्रदेश में मुख्यमंत्री अमृत आहार (आंगनबाड़ी दुग्ध वितरण योजना) शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों को स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार गरम मीठा दूध पिलाया जाएगा लेकिन तीन दिन में प्रदेश के हजारों आंगनबाड़ी केन्द्रों तक मिल्क पाउडर पहुंचाना और वितरण कर योजना को लागू कराना विभाग के लिए ही चुनौती से कम नहीं है।
जिले में साढ़े 27 हजार बच्चे
जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 1117 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों की संख्या 27 हजार 490 है। योजना के तहत तैयार दूध सप्ताह में 3 दिन मंगलवार, गुरुवार व शनिवार को बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र पर ही पिलाया जाएगा। प्रति लाभार्थी को 10 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर(दो चम्मच) से 100 मिली व दूध तैयार होगा। इस प्रकार प्रत्येक बच्चे को 100 मिली गरम मीठा दूध केन्द्र पर ही पिलाया जाएगा। दूध मीठा करने के लिए प्रति लीटर करीब 40 ग्राम चीनी की आवश्यकता होगी।
योजना में किया जाएगा त्रैमासिक आवंटन
विभाग से जारी दिशा-निर्देशों के तहत आंगनबाड़ी पर बच्चों की उपस्थिति पोषण ट्रेकर एप्प पर दर्ज की जाएगी। इसी आधार पर सत्यापित लाभान्वितों की संख्या के अनुसार त्रैमासिक आधार पर स्किम्ड मिल्क पाउडर का आवंटन किया जाएगा। पोषण ट्रेकर में दर्ज की गई लाभार्थियों की संख्या का माह की अंतिम तारीख को सत्यापन किया जाएगा। इस आधार पर ही आगामी त्रैमास की आवश्यकता का मिल्क पाउडर आंवटित किया जा सकेगा। किसी आंगनबाड़ी का मिल्क पाउडर का आवंटन नहीं होने पर विभागीय मेल पर तीन दिन में सूचना देनी होगी।
यूं होगा निरीक्षण एवं सत्यापन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति लेंगी तथा स्टॉक में दर्ज करेगी। प्राप्ति के समय पैकेट कटे-फटे, क्षतिग्रस्त एवं भीगे हुए नहीं होने चाहिए। आवश्यक परिस्थितियों में कार्यकर्ता की अनुपस्थिति में सहायिका भी आपूर्ति लेकर प्राप्ति रसीद दे सकेगी। बच्चों को दूध उपलब्ध कराए जाने की प्रभावी मॉनिटरिंग होगी। महिला पर्यवेक्षक निरीक्षण के दौरान केन्द्र पर स्किम्ड मिल्क पाउडर प्राप्ति एवं वितरण का सत्यापन करेगी।
फैक्ट फाइल...
-सवाईमाधोपुर व गंगापुरसिटी जिले में संचालित कुल आंगनबाड़ी केन्द्र-1117
-किराए के भवनों में संचालित केन्द्र-282
-सरकारी स्कूलों में संचालित केन्द्र-242
-सामुदायिक केन्द्र या अन्य सरकारी भवनों में संचालित केन्द्र-50
-सवाईमाधोपुर जिले में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र-684
-विभागीय भवनों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र-543
-3 से 6 साल के बच्चों की संख्या-27 हजार 490
इनका कहना है...
14 दिसंबर से योजना लागू करने के दिशा-निर्देश मिले है। राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडेशन से स्किम्ड मिल्क पाउडर की अभी सप्लाई नहीं हुई है। हालांकि जल्द ही सप्लाई का कहा गया है। सप्लाई आने के बाद ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को भेजा जाएगा।
हितेश सोनी, कार्यवाहक उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग सवाईमाधोपुर