वायनाड त्रासदी याद है आपको? जुलाई 2024 में यहां कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया, जिसने 2013 की केदारनाथ त्रासदी के जख्म हरे कर दिए। 2014 की कश्मीर बाढ़ आपदा हो या फिर 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी... जब भी देश में कोई आपदा आई तो एक ही सवाल उठा। क्या इन आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती थी? सोचिए उस समय ऐसा होता तो क्या होता? हजारों जिंदगियां बच जातीं। कई परिवार तबाह होने से बच जाते। भले ही ये तब असंभव था, लेकिन नए भारत के लिए अब ये संभव है। इस असंभव को भी अब संभव बना सकते हैं 'परम रुद्र' और एचपीसी प्रणाली। जी हां, वही 'परम रुद्र' और एचपीसी, जिन्हें हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया है। नाम से ये भले ही आपको साधारण लगें, लेकिन इनके काम असाधारण हैं। आखिर क्या हैं परम रुद्र और HPC सिस्टम? कैसे ये विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में देश को देंगे नई रफ्तार? आइये विस्तार से जानते हैं।
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