मथुरा, विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने 'आत्मा का वध' करने जैसा बताया है। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय से ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा, हमारा संविधान कहता है कि हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। लेकिन क्या यह राज्य सरकार को हमारी धार्मिक प्रथाओं को नियंत्रित करने, समितियां बनाने या हमारे प्रसाद में इस तरह मिलावट करने की अनुमति देता है जिससे सनातनी आस्था बर्बाद हो जाए। हम सभी जानते हैं कि तिरुपति बालाजी में कितनी पवित्रता बनाए रखी जाती है, लेकिन अब हम जो सुन रहे हैं वह अस्वीकार्य है।
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