यह भजन भगवान कल्कि के अवतार की महिमा का वर्णन करता है, जो कलियुग में धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए धरती पर अवतरित हुए। श्वेत अश्व पर सवार, तलवार धारण किए, वे असुरों का संहार कर धर्म की पताका को पुनः स्थापित करते हैं। शिव-शक्ति और मां भवानी के आशीर्वाद से संपन्न, भगवान कल्कि का यह गीत उनकी दिव्यता, साहस, और करुणा को दर्शाता है।
इस गीत में उनके आगमन, उनके दृढ़ संकल्प और उनके द्वारा किए गए धर्म के पुनःस्थापना का बखान है। भक्तों के लिए यह गीत भगवान कल्कि के आशीर्वाद और प्रेम को प्राप्त करने का मार्ग है। आइए, भगवान कल्कि की महिमा का गायन करें और सत्य, धर्म, और प्रेम की राह पर चलें।
सुनें और जयकार करें: "जय हो, जय हो, जय कल्कि भगवान!"
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