कोटकासिम ञ्च पत्रिका. सरिस्का से करीब 22 दिन से बाहर घूम रहा टाइगर शनिवार सुबह कोटकासिम के गांव जकोपुर में देखा गया। पगमार्क मिले तो ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को बुलाया। टीम के आने में देरी हुई तो ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। यहां बाजरे के खेत में टाइगर छिपा हुआ था। उसे पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम ने जाल लगाया। साथ ही ट्रेंकुलाइज करने के लिए स्थान चुना। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। अब तक टाइगर पकड़ से बाहर है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां सभी लोग खौफ में हैं। टाइगर को तुरंत पकड़ा जाए। वन विभाग ने कहा कि टाइगर के ट्रेंकुलाइज करने के नियम हैं। टाइगर तनाव में भी है। सरिस्का से 15 अगस्त को टाइगर एसटी 2303 निकला था, जो कोटकासिम होता हुआ भिवाड़ी पहुंचा और फिर हरियाणा के झाबुआ के जंगल में चला गया। रास्ते में उसने 5 लोगों पर हमला करके घायल किया था। शनिवार को जंगल से बाहर आया और कोटकासिम पहुंचा। सुबह जकोपुर गांव के नरेश ने टाइगर को रोड क्रॉस करते देखा। इसके बाद गांव में शोर मच गया।
ग्रामीणों ने रेंजर शंकर ङ्क्षसह व वन विभाग की टीम को सूचना दी। ग्रामीणों का कहना है कि टीम ने आने में देरी की, अन्यथा टाइगर पकड़ा जाता। टीम ने पहुंचकर मौका संभाला। क्षेत्र निदेशक सरिस्का संग्राम ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंचे। शाम तक टीम निगरानी करती रही, लेकिन टाइगर बाहर नहीं आया।