-किसानों से ली जाने वाली दर, आढ़त एवं परिवहन व्यय आदि जोड़े जाने के बाद भी सात से आठ गुना ज्यादा मंहगे दर बेची जा रही सब्जियां
-दुकानों पर बिकने वाली सब्जियों की दर कौन तय करता है पता नहीं, फिर भी दुकानदारों के भावों एकरूपता का रहता के गजब का सामंजस्य
अन्नदाता तो दे रही सस्ती, लेकिन दुकानदार वसूल रहे सात से आठ गुना ज्यादा दाम