चेन्नई/सेलम. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने धान की फसल की सिंचाई के लिए किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए सचिवालय से रविवार सुबह आदेश दिए थे कि मेटूर के स्टेनली बांध से पानी खोल दिया जाए। इस आदेश की तुरंत तामील में नगर प्रशासन मंत्री के. एन. नेहरू मेटूर के स्टेनली बांध पर गए और पुष्पों की वर्षा करते हुए बांध के कपाट खोल दिए। कावेरी डेल्टा के किसानों में इस वजह से हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। उल्लेखनीय है कि मेटूर बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे की परम्परागत तारीख 12 जून है लेकिन जलाशय के सूख जाने की वजह से इस बार नियत तारीख पर कपाट नहीं खोले गए थे।
सीएम के आदेश होने के साथ ही नेहरू विभागीय अधिकारियों के साथ बांध पर गए और पानी खोलने की औपचारिकता पूरी की। अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में 12 हजार क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जाएगा और फिर पानी की उपलब्धता के आधार पर धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा।
17 जुलाई से पानी की आवक
मेटूर बांध में 17 जुलाई से लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार 120 फीट की क्षमता वाले इस बांध में करीब 110 फीट पानी आ चुका है। कर्नाटक में भारी बरसात के बाद चारों प्रमुख बांध भरे हुए हैं और लगभग 1.48 लाख क्यूबिक फीट प्रति सेकंड की दर से तमिलनाडु में पानी की आवक हो रही है।
सीएम के निर्देश
चूंकि कर्नाटक में कावेरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश जारी है, इसलिए यह प्रवाह अगले तीन दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। मेटूर बांध के तेजी से भरने के मद्देनजर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्थिति की समीक्षा के लिए समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की जिसमें जल संसाधन मंत्री दुरैमुरुगन, शीर्ष अधिकारियों और अन्य भागीदारों ने शिरकत की। पर्याप्त परामर्श के बाद सीएम ने जलाशय से पानी छोडऩे के आदेश जारी कर दिए। उनका कहना था कि अगले तीन दिन तक कर्नाटक पानी छोडऩा जारी रखेगा। उन्होंने दोपहर तीन बजे से पानी खोलने के आदेश दिए थे। उस आदेश को मंत्री केएन नेहरू ने पूरा किया। बांध से छोड़ा गया पानी अल्पकालिक ‘कुरुवई’ फसलों की सिंचाई के लिए काम आएगा।