सावन का महीना पूर्णतया भगवान शिव को समर्पित होता है। विष्णु पुराण में वर्णित है कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जागृत होते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव करते हैं। इसके लिए सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।ऐसे में इस महीने दही का सेवन ना करे की सलाह दी जाती है, पर ऐसा क्यों होता है, चलिए आज की वीडियो में जानते है
The month of Sawan is completely dedicated to Lord Shiva. It is described in Vishnu Purana that from the Ekadashi date of Shukla Paksha of Ashadha month, Lord Vishnu, the sustainer of the world, goes to rest in Kshir Sagar. At the same time, they are awakened on the Ekadashi date of Shukla Paksha of Kartik month. During this time, the creation is governed by Mahadev, the God of Gods. For this, special worship of Lord Shiva is done in the month of Sawan. In such a situation, it is advised not to consume curd in this month, but why this happens, let us know in today's video.
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