Surah Al Jinn Verse 21 to 22 Verse 21 قُلْ إِنِّى لَآ أَمْلِكُ لَكُمْ ضَرًّۭا وَلَا رَشَدًۭا ٢١ Say, “It is not in my power to harm or benefit you.” आप कह दें : निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए न किसी हानि का अधिकार रखता हूँ और न किसी भलाई का। Verse 22 قُلْ إِن

Ahmed Isteyaque 2024-07-18

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Surah Al Jinn Verse 21 to 22
Verse 21
قُلْ إِنِّى لَآ أَمْلِكُ لَكُمْ ضَرًّۭا وَلَا رَشَدًۭا ٢١
Say, “It is not in my power to harm or benefit you.”
आप कह दें : निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए न किसी हानि का अधिकार रखता हूँ और न किसी भलाई का।
Verse 22
قُلْ إِنِّى لَن يُجِيرَنِى مِنَ ٱللَّهِ أَحَدٌۭ وَلَنْ أَجِدَ مِن دُونِهِۦ مُلْتَحَدًا ٢٢
Say, “No one can protect me from Allah ˹if I were to disobey Him˺, nor can I find any refuge other than Him.
आप कह दें : निश्चय मुझे कदापि कोई अल्लाह से नहीं बचा सकेगा1 और न मैं उसके सिवा कभी कोई शरण का स्थान पाऊँगा।
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