प्रत्येक नर्सरी का जारी किया क्यूआर कोड

Patrika 2024-07-05

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प्रतापगढ़. वन विभाग ने जिले की 19 नर्सरी में पौधे तैयार किए है। वहीं हर नर्सरी पर क्यूआर कोड जारी किया गया है। जिससे स्कैन करने पर यहां पौधों के स्टॉक की जानकारी मिल सकेगी। सहायक वन संरक्षक दिलीपसिंह गौड़ ने बताया कि पौधरोपण के लिए वन विभाग की ओर से व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। इस बार राज्य सरकार ने ट्री आउट साइड फोरेस्ट स्कीम के तहत 25 प्रतिशत पौधे ओरण, चारागाह, गोचर में संबंधित पंचायतों एवं 25 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में शहरी निकायों, विभागों व 50 प्रतिशत पौधे व्यक्तिगत लाभार्थितयों, जन साधारण को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिले में विभिन्न योजनाओं में करीब साढ़े ६९ लाख पौधे तैयार किए गए है। 19 नर्सरियों में वन विभाग ने 68 किस्मों के पौधे तैयार किए हैं। इतनी तादाद में तैयार पौधो के रिकोर्ड को संधारित रखने और सभी किस्मों की उपलब्ध पौधों की संख्या का आसानी से पता लगाने के लिए विभाग की ओर से क्यूआर कोड तैयार किया गया हैं। ये क्यूआर कोड हर नर्सरी में लगाए गए हैं। ताकि पौधे प्राप्त करने वाले विभाग एवं आमजन को आवश्यकतानुसार पौधों की उपलब्धता का पता लग सकें।
यहां तैयार किए गए पौधे
जिले में ६ रेंज में पौधे तैयार किए जा रहे है। इसमें धरियावद में कालकी मगरी, झामुड़ी, हगोरा, सांवलियाजी, करनागढ़, मोड़ीखेड़ा, कालकी माता, हंडिया खेरा, उबनला, लसाडिय़ा रेंज में धामनिया जागीर, भूतबडला, काबरा मंगरा, पीपलखूंट में माताजी वाला बड़ा, करमोड़ा, पूना पठार, प्रतापगढ़ में बरेड़ा, रामगढ़, काकरा घाटी, झांकर, खेेमपुरिया, तालाब खेड़ा, अचलपुरा, गंधेर, मोटी खेड़ी, छोटी सादड़ी में चंदाकुई, हांडिया खोरा, भैरव घाटी, संतोकपुरिया गोल मगरी, देवगढ़ में कुंदनिया, भेरूघाटी, सालरा पानी, रामदेवजी, लांबाघांटा कणजिया नर्सरियों में पौधे तैयार किए गऐ है।
वन विभाग की ओर से नर्सरियों में तैयार किए गए पौधों का शुरू किया वितरण
प्रतापगढ़. जिले में मानसून आगमन के साथ ही जिले में वन क्षेत्र से बाहर पौधरोपण के लिए तैयारियां की गई है। इसके तहत वन विभाग ने वन क्षेत्रों के बाहर पौधारोपण योजना शुरू की जाएगी। इस बार ऊंचाई वाले पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत वन नर्सरियों में पौधों का वितरण शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि विभाग की ओर से इस वर्ष साढ़े ६ लाख पौधे तैयार किए गए हंै। जिसमें अधिक ऊंचाई वाले पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिससे पौधों के जीवित रहने की संभावना अधिक होगी।
वन विभाग की ओर से मानसून के दौरान जंगल, विभिन्न सार्वजनिक स्थानों आदि पर पौधरोपण और वितरण के लिए नर्सरियों में पौधे तैयार किए हैं। सहायक वन संरक्षक दिलीपङ्क्षसह गौड़ ने बताया कि वन विभाग की ओर से गत वर्षों तक कम ऊंचाई वाले पौधे ही तैयार किए जाते रहे हंै। ऐेसे में इनके रोपण के बाद सुरक्षा अधिक समय तक करनी होती है। कई बार ये पौधे खत्म हो जाते है। इस समस्या को देखते हुए वन विभाग की ओर से इस वर्ष अधिक ऊंचाई वाले पौधे की संख्या अधिक रखी है। जिससे मानसून के दौरान ही ये पौधे और भी अधिक ऊंचाई तक हो सके।

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