भीलवाड़ा। नन्ही सी जान और बड़े अरमान, हौंसला इतना बुलंद की पापा के साथ कंधे से कंधा मिला कर काम करने का जुनून । इसी जोश को अंजाम देने के लिए वह अल सुबह पापा के साथ निकल पड़ती है। कड़ाके की सर्दी हो या बरसता मौसम, कोई परवाह नहीं। अखबार के ढेर के बीच अखबार के पन्नों को पलटने के लिए हाथ ऐसे चलता है, जैसे बैंक में कोई कैशियर नोट की गिड्डी गिन रहा हो। यह कहानी है समाचार पत्र वितरक शारदा चौराहा के समीप मातेश्वरी कॉलोनी निवासी प्रहलाद कुमावत की नौ वर्षीय पुत्री साक्षी की, वह अभी कक्षा तीन की छात्रा है।