प्रतापगढ़. देवगढ़ थाना इलाके में २० जून को एक विवाहिता की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। जिसमें मृतका के पति, भाई और भाई के साले को गिरफ्तार किया है। तीनों ने महिला की हत्या कर लाश को बरसाती नाले में फेंकना कबूला है। जिसमें मृतका के चरित्र पर संदेह को लेकर हत्या करना सामने आया है।
पुलिस अधीक्षक लक्ष्मणदास ने बताया कि २० जून को देवगढ़ थाना पुलिस को सूचना मिली कि जाम्बुखेडा के बरसाती नाले में एक महिला की लाश पडी हुई है। जिस पर पुलिस टीम और वृत्ताधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां मृतका के शरीर पर चोट लगी हुई थी तथा आंखें आग से जलाई हुई मिली। मृतका की पहचान श्यामा पत्नी प्रेमचन्द मीणा निवासी जाम्बुखेडा के रूप में हुई। लाश को मोर्चरी में ले जाया गया। जहां मृतका के पिता सूरजमल मीणा निवासी पिपपीखेडा थाना देवगढ़ ने रिपोर्ट दी। जिसमें आरोप लगाया कि उसकी पुत्री की हत्या पति प्रेमचन्द ने की है। घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर उप अधीक्षक नानालाल सालवी व थानाधिकारी देवगढ मय टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए। वहीं मृतका के पति प्रेमचन्द की गतिविधियों पर नजर रखी गई। मृतका का पति अंतिम संस्कार के बाद घर से निकला और किसी अन्य स्थान पर जाने योजना बना रहा था। इस पर पुलिस ने उसे डिटेन किया। उससे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की। जिसमें मृतका की हत्या उसने, मृतका के भाई और भाई के साले ने मिलकर करना कबूला। पुलिस ने प्रेमचंद, भाई भेरूलाल पुत्र सूरजमल मीणा निवासी पिपलीखेडा थाना देवगढ़ और भाई के साले लालुराम पुत्र रतनलाल मीणा निवासी जाम्बुखेडा को गिरफ्तार किया।
मृतका मूंह बांधा, आंखों में जलती लकड़ी डाली
पुलिस पूछताछ में आरोपी प्रेमचन्द ने बताया कि वह मृतका पर किसी दूसरे व्यक्ति से बात करने को लेकर शंका करता था। उसे १९ जून को पता लगा कि श्यामा प्रतापगढ़ बस स्टेण्ड पर बैठी है। जिस पर मृतका के भाई भेरूलाल मीणा तथा भाई के साले लालुराम मीणा को लेकर प्रतापगढ पहुंचा। लेकिन श्यामा वहां नही मिली। इसके बाद में करीब 4 बजे वह बस स्टेण्ड पर मिली। जहां से उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर घर पर ले आए। यहां तीनों शराब पीने गांव में चले गए। कुछ समय बाद घर आए, जहां घर का दरवाजा बंद था। श्यामा वहां नहीं मिली। इस पर जिससे वह बात करती थी। उसे भी ढूंढने गए। लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद तीनों नालवा गए, जहां श्यामा की हत्या की योजना बनाई। तीनों रात करीब 10 बजे जाम्बुखेडा घर पर आए। रात को कुछ देर बाद श्यामा घर पर आई। प्रेमचन्द मीणा ने मृतका को घर के अन्दर बरामदे मे ले जाकर मारपीट शुरू की। जिससे श्यामा ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इस पर तीनों ने मिलकर उसका मुंह कपड़े से बांध दिया। तीनों ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी। चूल्हे में आग जल रही लकडिय़ों से हाथ और पैरों को जलाया। आंखों में जलती हुई लकडी घुसा दी। जिससे आंखें जल गई। इसके बाद मृतका को कुछ दूरी पर स्थित बरसाती नाले में डाल दिया। श्यामा ने रोने की आवाज की तो तीनों ने उसकी लकडी व पत्थरों से पीट कर हत्या कर दी। उसके बाद तीनों अपने घर पर जाकर सो गए।
तीनों आरोपी साथ में रहे
पुलिस ने बताया कि २० जून सुबह श्यामा की हत्या का पता चलने पर हर तीनों आरोपी भीड में मौके पर आ गए। मोर्चरी पर पुलिस कार्यवाही में लगातार साथ में रहे। मृतका के अंतिम संस्कार में भी उपस्थित रहे। जिससे किसी को भी शंका नहीं हो। पुलिस को गुमराह करते रहे।