भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को लेकर उनके ननिहाल सरसपुर में इन दिनों श्रद्धा भरा माहौल नजर आ रहा है। पूजा अर्चन के साथ-साथ भजन कीर्तन हो रहे हैं। 7 जुलाई को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की 147 वीं रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ ननिहाल सरसपुर स्थित भगवान रणछोडऱाय मंदिर में आए हुए हैं। भगवान के ननिहाल में आने के चलते सरसपुर में उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। यहां प्रतिदिन माखन-मिश्री, फल व अन्य मिष्ठानों का भोग लगाया जाएगा। रविवार शाम को आम का मनोरथ किया गया, जबकि रात नौ बजे जयनारायण भजन मंडल की ओर से भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
भगवान को भांजे के रूप में मानते हैं सरसपुर वासी
वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार जमालपुर स्थित निज मंदिर से प्रति वर्ष रथयात्रा निकाली जाती है। माना जाता है कि रथयात्रा से 15 दिन पूर्व भगवान अपनी बहन और भाई के साथ ननिहाल पहुंचते हैं। तीनों 15 दिन तक ननिहाल में रहते हैं। ननिहाल में तीनों का भांजों के रूप में अतिथि सत्कार किया जाता है। उसी तरह से यहां के लोग अतिथि सत्कार करते हैं।