इस विवाद के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि वे राधा रानी के अनन्य भक्त हैं और उन्होंने बरसाने में राधा रानी की 51 परिक्रमा की है। उन्होंने गोवर्धन की भी कई परिक्रमा की हैं और शिवपुराण कथा से पहले राधा रानी का भजन गाते हैं। उन्होंने राधा रानी के विवाह, जन्म आदि के बारे में जो भी बातें कही हैं, वे ब्रह्मदेवत्व पुराण, राधा रहस्य और काली पीठ की पुस्तकों से ली गई हैं।
प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण की 16108 रानियों में राधा रानी का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि राधा रानी के पति का नाम श्रीकृष्ण नहीं था, बल्कि उनका विवाह अनय घोष से हुआ था। उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा रानी का जन्म रावल गांव में हुआ था और वे बरसाने की निवासी नहीं थीं, लेकिन उनके पिता की कचहरी बरसाने में थी, जहां वे वर्ष में एक बार जाती थीं।
इस विवाद ने धार्मिक समुदाय में व्यापक चर्चा और बहस को जन्म दिया है। प्रेमानन्द महाराज का मानना है कि राधा रानी के बारे में बोलने का अधिकार केवल उन्हीं को है जो रस ग्रंथों का गहन ज्ञान रखते हैं। उन्होंने प्रदीप मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्हें राधा रानी के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसा करने पर उन्हें नरक में जगह मिलेगी।
इस विवाद के कारण भक्तों और अनुयायियों में भी हलचल मच गई है, और दोनों पक्षों के लोग अपने-अपने संतों का समर्थन कर रहे हैं। इस प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी से जुड़े तथ्यों पर दो बड़े संतों के बीच यह विवाद धार्मिक जगत में महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।