मानसून से पहले जमीन से बाहर आने लगे हैं सरीसृप

Patrika 2024-06-11

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इन दिनों कई स्थानों पर देखी जा सकती हंै धामण प्रजाति के सांपों की जंग
प्रतापगढ़/दलोट. गत दिनों से मौसम में परिवर्तन के साथ ही जमीन से सरीसृप बाहर आने लगे है। ऐसे में कई जगहों पर सांप भी दिखाई देेन लगे है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों धामण प्रजाति के सांप अधिक दिखाई दे रहे है। मानसून से पहले का समय धामण के नर सांपों में वर्चस्व की जंग होने लगी है। जो इन दिनों कई इलाकों में देखी जा सकती है। यह समय इस सांप के प्रजाति के लिए प्रजनन से ठीक पहले का है। इस समय होने वाली जंग कई घंटों तक चलती है। दलोट के वाइल्ड लाइफ एंड एनिमल रेस्क्यू सोसायटी के लवकुमार जैन ने बताया कि रेट स्नैक के नर सांपों में होने वाली जंग को कई लोग यह भ्रम होता है यह नर-मादा है, जो मेटिंग करते है। जबकि सच यह है कि दोनों सांप नर होते हैं, जो अपने क्षेत्राधिकार और उस एरिये में मादा पर अपना कब्जा जताने के लिए करते है।
किसानों का मित्र होता है धामण सांप
सांपों की प्रजाति में शामिल धामण पूरे भारत में पाया जाने वाला सांप है, जो की जहरीला नहीं होता है। रैट स्नेक की पहचान उसके शरीर से होती है, जो आमतौर पर एक समान भूरे रंग का होता है। इसके शरीर पर गहरे धब्बे हल्की धारियां होती है, और बीच में मोटा होता है। वयस्क सांप दो से 3 मीटर की प्रभावशाली लंबाई तक पहुंच सकते हैं। कुछ इससे भी लंबे होते हैं। इसका सिर लम्बा होता है। जबकि विषैले सांपों में सिर त्रिकोणीय आकार का रहता है। आंखें उनकी अपेक्षाकृत बड़ी, गोल आंखों में एक विशिष्ट काली पुतली दिखाई देती है। ये सांप फुर्तीले पर्वतारोही होते हैं और अक्सर पेड़ों या झाडिय़ों में पाए जाते हैं। वे कुशल तैराक भी होते हैं और जल निकायों के पास के क्षेत्रों में निवास कर सकते हैं। खतरा महसूस होने पर, भारतीय रैट स्नेक अपने शरीर को फुला सकते हैं और जोर से फुफकार सकते हैं। हालांकि, वे आम तौर पर गैर-आक्रामक होते हैं। भारतीय रैट स्नेक अनुकूलनीय होते हैं। विभिन्न प्रकार के वातावरण में पनपते हैं, जिनमें घास के मैदान, कृषि क्षेत्र, जंगल और यहां तक कि शहरी क्षेत्र भी शामिल हैं। अपने नाम के अनुरूप, ये सांप मुख्य रूप से चूहों को खाते हैं। हालांकि, वे पक्षियों और अंडों का सेवन करने के लिए भी जाने जाते हैं। खास बात सांप का सामना करना एक मनोरम अनुभव हो सकता है, लेकिन सावधानी बरतना और सुरक्षित दूरी बनाए रखना अति महत्वपूर्ण है। यदि सांप की पहचान के बारे में अनिश्चित हैं या सहायता की आवश्यकता है, तो सांप से निपटने में परिचित पेशेवरों से मदद लेने की सलाह दी जाती है।

राजस्थान का सबसे शक्तिशाली सांप
धामण सांप राजस्थान के सबसे शक्तिशाली सांप है। यह अपने वजन चार-पांच किलो का होता है। इसकी मांशपेशियां शक्तिशाली होती है। इसकी शक्ति वजन से सात-आठ गुना तक पकड़ होती है। इसका रंग भूरा, हल्का मटमैला, खाकी कलर का होता है।
संरक्षित सूची में रेट स्नैक
यह सांप वन्यजीव अधिनियम १९७२ की अनुसूचि दो/दो के तहत संरक्षित है। इसके शिकार पर सात वर्ष की सजा का प्रावधान भी है।
नहीं करें शिकार, करें संरक्षण
धामण सांप किसानों का मित्र है और यह जहरीला नहीं होता है। ऐसे में इसका संरक्षण करना चाहिए। खेतों में यह चूहे का सफाया करता है। इस कारण फसलों की सुरक्षा के लिए सहायक है। हालांकि जब तक सांप की पहचान ना हो, इससे दूर रहना चाहिए। इसकी सूचना रेस्क्यूअर या वन विभाग के कर्मचारी को देनी चाहिए।
दिलीपसिंह गौड़, सहायक वन संरक्षक, प्रतापगढ़.


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