नीलगिरि. एक हाथी के बच्चे को उसकी मां द्वारा अस्वीकार किए जाने के कुछ दिनों बाद जंबो को नीलगिरि जिले के मुडुमलै राष्ट्रीय उद्यान में ‘हाथी फीडिंग कैंप’ में ले जाया गया। इसके बाद इस बच्चे को दूध पिलाया गया।
मां ने बच्च को अस्वीकार कर दिया
जानकारी के मुताबिक 30 मई को मुडुमलै वन रेंज के पास जंगल के अंदर एक मादा हाथी बीमारी के कारण लेटी हुई पाई गई और बच्चा हाथी मां के बगल में खड़ा था। इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और 31 मई को उसे क्रेन से उठाकर उसका इलाज किया गया। इस दौरान हाथी का छोटा बच्चा जंगल में भाग गया। वन विभाग के अधिकारियों ने मां और बच्चे को मिलाने का प्रयास किया लेकिन उसने उसको अस्वीकार कर दिया और भाग गई। मिलाने की कोशिश के सभी प्रयास विफल रहे। अब उसको मुडुमलै हाथी शिविर में भेज दिया गया जहां मुडुमलै वन विभाग द्वारा बच्चे हाथी की देखभाल की जाएगी।
स्वास्थ्य की जांच की
शिविर में वन विभाग के अधिकारी डॉ. राजेश और डॉ. सुकुमार ने हाथी के बच्चे के स्वास्थ्य की जांच की। निरीक्षण करने पर वह स्वस्थ लग रहा था और उसका वजन लगभग 150 किलोग्राम था। इसके बाद उसे लैक्टोज दूध दिया गया।
मां से बिछुडऩे घटनाएं बढ़ी
यह तीसरा हाथी का बच्चा है जो अपनी मां से बिछुड़ गया है। इलाके में अपनी मां से बिछडऩे की ऐसी घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। सत्यमंगलम और धर्मपुरी में अपनी मां से बिछड़े दो हाथियों के बच्चों की देखभाल पहले से ही मुडुमलै हाथी शिविर में की जा रही है।