वीडियो जानकारी:
पार से उपहार शिविर, 13.12.2019, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत
प्रसंग:
नष्टो मोहः स्मृतिर्लब्धा त्वत्प्रसादान्मयाच्युत।
स्थितोऽस्मि गतसन्देहः करिष्ये वचनं तव।।
~ श्रीमद भगवत गीता, अध्याय १८, श्लोक ७३
अर्जुन बोले - हे अच्युत आपकी कृपासे मेरा मोह नष्ट हो गया है और स्मृति प्राप्त हो गयी है। मैं सन्देहरहित होकर स्थित हूँ। अब मैं आपकी आज्ञा का पालन करूँगा।
~ अर्जुन गीता उपदेश क्यों भूल गया?
~ कृष्ण को गीता दोबारा क्यों बतानी पड़ी?
~ क्या अर्जुन को गीता समझ में आई थी?
संगीत: मिलिंद दाते
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