वीडियो जानकारी: हार्दिक उल्लास शिविर, 13.7.17, रानीखेत, उत्तराखण्ड, भारत
प्रसंग:
~ सत्यवती के पिता का लालच एक भयानक युद्ध का बीज था, भीष्म एक कुशल राजनेता और विद्वान होते हुए भी ये देख क्यों ना सके?
~ क्या भीष्म भी लालची थे या उनका अपना भी कोई स्वार्थ था?
~ हमारे जीवन में लालच जब बीज रूप में ही हो तो उसे कैसे देखें?
~ लालच किन-किन रूपों में आ सकता है? क्या इसे देख पाना संभव भी है?
~ क्या लालच का तभी पता चलता है जब परिणाम सामने आते हैं?
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~