'जगत मिथ्या है! कुछ भी खाओ, क्या फर्क़ पड़ता है' || आचार्य प्रशांत( 2020)

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पूरा वीडियो: माँसाहार का समर्थन - मूर्खता या बेईमानी? (भाग-3) || आचार्य प्रशांत (2020)
लिंक: https://youtu.be/M2D3ymc0TUk?feature=shared

वीडियो जानकारी:
27 अगस्त 2020. खुला संवाद, ग्रेटर नॉएडा, उ.प्र.

प्रसंग:
पौधों में भी तो जान होती है?
तो हम पौधों को 'मारकर' क्यों खाते हैं?
माँसाहार को गलत क्यों माना जाता है?
प्रकृति में सभी बड़े जानवर अपने से छोटे जानवर को मारकर तो खाते ही हैं, तो इंसान क्यों न खाएँ?
एक नूर से ही तो सब कुछ उपजा है, सब कुछ भगवान का ही रूप है, तो क्या वेज क्या नॉन-वेज?


संगीत: मिलिंद दाते
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