Why Do Babies Cry At Birth- जन्म देना किसी भी मां के लिए आसान नहीं होता. असहनीय दर्द सहने के बाद जब मां बच्चे के रोने की आवाज सुनती है तो उसका सारा दर्द खुशी में बदल जाता है. जन्म के बाद हर बच्चा रोता है या उसे जबरदस्ती रुलाया जाता है. जो बच्चा खुद से नहीं रोता डॉक्टर उसे रुलाने के लिए पीठ पर थपथपाते हैं या गले की सफाई करते हैं. माना जाता है कि नवजात शिशु का दिन में दो से तीन घंटे रोना जरूरी है. कई जगहों पर बच्चे के रोने को शुभ माना जाता है. अब सवाल ये उठता है कि जन्म के बाद बच्चा क्यों रोता है या बच्चे का रोना क्यों जरूरी है. क्या बच्चे का रोना उसकी सेहत से जुड़ा है. चलिए जानते हैं जन्म के बाद बच्चे का रोना क्यों है जरूरी.
Why Do Babies Cry At Birth- Giving birth is not easy for any mother. After enduring unbearable pain, when the mother hears the cry of the child, all her pain turns into happiness. Every child cries after birth or is forced to cry. If a child does not cry on his own, the doctor pats him on the back or cleans his throat to make him cry. It is believed that it is necessary for a newborn baby to cry for two to three hours a day. In many places the crying of a child is considered auspicious. Now the question arises that why does the child cry after birth or why is it necessary for the child to cry. Is the child's crying related to his health? Let us know why it is important for a child to cry after birth.
#JanmKeBadBaccheKyonRoteHai
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