क्या है गुना के प्राचीन हनुमान टेकरी मंदिर का इतिहास
महाभारत काल का है ये हनुमान मंदिर
7वीं शताब्दी की स्वयं प्रकट हुई थी हनुमान जी की मूर्ति
यहां विराजित है पर बजरंग बली की स्वयंभू प्रतिमा
मंदिर के जीर्णोद्धार के वक्त खुदाई में मिले थे सोने के सिक्के
नाग देवता करते हैं मंदिर की पहरेदारी
इस मंदिर में रात में कोई नहीं रूकता
टेकरी में रात में चलता है देवताओं की बैठक का दौर
रात को राम टेकरी से यहां तक आती है बारात
इस मंदिर में पूरी होती है भक्तों की मनोकामना