चित्रकूट में विंध्य की पहाड़ी पर विराजमान हैं बजरंग बली
इस मंदिर में हनुमानजी को स्पर्श करते हुए बहता है जल!
हनुमान जयंती पर जानिए इस मंदिर की पौराणिक कथा
भगवान श्री राम ने हनुमान जी को दिया था वरदान
हनुमान जी को पर्वत माला पर श्रीराम ने दिया था स्थान
भगवान राम ने बाण मारकर किया धारा का प्रवाह
लंका जलाने की तपन की शांति के लिए दिया था स्थान
हनुमानजी की मूर्ति के सिर पर है दो जल कुंड
हमेशा जल से भरे रहते हैं ये जल कुंड
इस मंदिर को कहा जाता है हनुमान धारा