झांसी। सीपरी बाजार स्थित शहर के सुप्राचीन लहर की देवी के मंदिर की कई एकड़ जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने का मामला सामने आया है। इस कब्जे को हटवाने के लिए मंदिर के महंत द्वारा पिछले 5 सालों से जिला प्रशासन के चक्कर लगाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक न तो दबंगों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई और न ही कब्जा हटाने की दिशा में कोई पहल की गई। यह पूरा मामला लहर की देवी के मंदिर की काशीराम पार्क के पास स्थित तथा मंदिर के पास स्थित जमीन का है। कई एकड़ में फैली मंदिर की इस जमीन पर क्षेत्र के दबंगों राकेश उर्फ पप्पू यादव तथा सुरेश यादव द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कब्जा कर लिया गया। यहां तक कि मंदिर की जमीन के बीच से रास्ता भी बना लिया गया। इस मामले को लेकर मंदिर के मुख्य पुजारी तथा श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय मंत्री महंत मोहन गिरी ने बताया कि इस संबंध में वह लगातार 2018 से जिला प्रशासन को पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई। तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर वर्ष 2018 में मंदिर की जमीन की नाप करते हुए पत्थर गाड़ दिए गए थे, लेकिन दबंगों ने उन पत्थरों को भी उखाड़ कर फेंक दिया। उन्होंने बताया कि जिस जमीन से रास्ता निकाला गया है, उस रास्ते से आवागमन शुरू हो गया है। लोगों को आने जाने में परेशानी न हो, इसके लिए उन्होंने रास्ते की सहमति दे दी थी, लेकिन इसके बदले लिखित समझौता हुआ था कि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए विपक्षियों द्वारा मुआवजे के रूप में धनराशि दी जाएगी, जो आज तक नहीं दी गई। महंत का यह भी कहना है कि लगातार पत्राचार करने पर दबंगों द्वारा जान से मारने की धमकियां भी दी जाने लगी है। उनका कहना है कि यदि जिला प्रशासन ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया, तो पूरी की पूरी जमीन दबंगों के कब्जे में चली जाएगी और मजबूरी में संत समाज को आगे आकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। हालांकि इस संबंध में वह न्यायालय की शरण लेने के लिए भी विद्वान जनों से विचार विमर्श कर रहे हैं।