_सतसंग में तू शरमा वे तेरे_मांडे भाग्य है भाई रे।शब्द वाणी।सतगुरु रामपाल जी महाराज।ॐ तत् सत। "सतसंग में आवे कोई सूरा,जो है भाग्यों का पूरा।शबद।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सतभक्ति।
"सतसंग में आवे कोई सूरा,जो है भाग्यों का पूरा।शबद।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सतभक्ति।"सतसंग में आवे कोई सूरा,जो है भाग्यों का पूरा।शबद।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सतभक्ति।