राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को टोंक जिले में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी बहुत पुरानी पार्टी है। पार्टी में अनुशासन जरूरी है। चाहे कोई भी व्यक्ति जो अनुशासन को तोड़ता है। चाहे वह कितना भी बड़ा हो। किसी भी पद पर हो। लेकिन अनुशासन पार्टी में सबके लिए बराबर है। मुझे लगता है कि जो भी निर्णय करना है। क्या करना है। वह पार्टी नेतृत्व का काम है। एआईसीसी का काम है। इस दौरान पायलट ने कहा कि साल 2019 में जब कांग्रेस चुनाव हार गई, तो राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और फिर से कांग्रेस प्रमुख बनने से इनकार कर दिया। हालांकि हम चाहते थे कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनें। उन्होंने एक मिसाल कायम की। लेकिन दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे हैं। जो बैक टू बैक विफल होने के बावजूद पदों से चिपके रहते हैं। आपको बता दें सचिन पायलट सोमवार को टोंक जिले के दौरे पर थे। पिछले दिनों सचिन पायलट ने पेपर लीक प्रकरण को लेकर अपनी सभाओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगातार प्रहार किए थे। इसके बाद पायलट दिल्ली गए थे। दिल्ली से लौटने के बाद पायलट के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं।