एक कथा के मुताबिक कहा जाता है कि माघ में भगवान ब्रह्मा ने इस संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना की थी। कहा जाता है कि यह रचना माघ में हुई थी, इसलिए इस माह को त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही काफी लोग इस माह में कल्पवास भी करते हैं। कल्पवास के काफी कठिन नियम हैं। इस दौरान श्रद्धालु जमीन पर सोता है और सादा खाना-पीना खाते हैं।