"दुःख धुंध उपाध में जीव बंधे,समरथ की नहीं उपासा है।शब्द।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सत।

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"दुःख धुंध उपाध में जीव बंधे,समरथ की नहीं उपासा है।शब्द।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सत।

दुःख धुंध उपाध में जीव बसे,समरथ की नही उपासा है।शब्द।बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज।सत कबीर।सतभक्ति।

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