पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी मनाया जाता है. इस बार यह दिन 2 जनवरी को है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने वाले जातकों को संतान सुख का वरदान प्राप्त होता है. इस व्रत को वैकुंठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. नियमपूर्वक यह व्रत करने वाले जातकों को संतान सुख तो प्राप्त होता ही है, साथ ही मरने के बाद वैकुंठ प्राप्त होता है. यह भी कहा जाता है कि इसे करने से और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केसर, हल्दी, केला आदि का इस दिन दान किया जाता है. अगर आप पहली बार यह व्रत कर रहे हैं तो इसके नियमों को समझ लेना अनिवार्य है. इस व्रत को नियम पूर्वक करने पर ही जातक को सही फल की प्राप्ति होती है. जानिये इस व्रत में क्या करना चाहिये और क्या नहीं करना चाहिये:
Putrada Ekadashi is celebrated on the Ekadashi of Shukla Paksha of Paush month. This time this day is on 2 January. It is believed that the people who worship Lord Vishnu on this day get the boon of child happiness. This fast is also known as Vaikuntha Ekadashi. Those who regularly observe this fast not only get the happiness of having children, but also attain Vaikunth after death. It is also said that by doing this, saffron, turmeric, banana etc. are donated on this day to remove the obstacles coming in the marriage. If you are observing this fast for the first time, then it is necessary to understand its rules. Jatak gets the right result only by observing this fast regularly. Know what should be done and what should not be done during this fast:
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