बिलासपुर विधानसभा एकीकृत मध्यप्रदेश के समय की सबसे पुरानी विधानसभाओं में से एक है... 1952 से इस सीट का अस्तित्व है.. एकीकृत मध्यप्रदेश के समय में भी इस सीट का राजनैतिक रसूख था... परंपरागत रुप से कांग्रेस के लिए यह सीट लाभदायक रही है... केवल 1998 से 2018 के पंद्रह बरस यह सीट बीजेपी के पास थी...छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी से लेकर मौजूदा समय में बीजेपी के अरुण साव तक सभी बिलासपुर से सीधे जुड़े हुए रहे हैं.. 2018 के चुनाव में यहां लोग सीवरेज की समस्या से जूझते रहे... नतीजतन बीजेपी के अमर अग्रवाल यहां से चुनाव हार गए...2023 में बिलासपुर से कौन मारेगीा बाजी जानने के लिए देखिए....